February 2, 2025

हिन्दी फ़ोरम

फसल के लिए पसीना और हक़ के लिए बहाया खून

पैरों में छाले थे, हाथों में लाल झंडा था, टोपी भी लाल, लाल सलाम करते हुए किसान पग पग आगे बढ़ रहे थे, हौसले...

आजादी के ७० वर्षो में भारत में महिलाएँ कितनी आजाद हुई है?

आए दिन अखबारों के पन्ने काली स्याही से भरे होते हैं, स्याही समाचारों से।कभी निर्भया की दिल दहलाने वाली दास्तान तो कभी किसी मासूम...

सीएसआर फंड विभिन्न क्षेत्रों में खर्च करना चाहिए: सुधीर मुनगंटीवार, वित्त और वन विभाग मंत्री, महाराष्ट्र

सीएसआर याने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसीबिलीटी समाज में बदलाव के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है।सीएसआर के तहत कई ऐसे काम हो रहे है जिससे ना सिर्फ समाज मे बदलाव हो रहा है बल्कि लोगों की जिंदगी में भी काफी बदलाव आ रहा है।

महिला दिवस पर कहाँ खो गई है हमारी देहाती महिलाये

पालघर की स्वछतादूत बनी आदिवासी सुशीला मुम्बई से सटा पालघर यह आदिवासी जिला है। सालो संघर्ष के बाद उसको ठाणे जिले से अलग कर दिया...

तेरा धिआन किधर है मेरा सीएसआर इधर है

साल 2015 शुरू हो गया है और यह पहला वित्तीय वर्ष होगा जब भारतीय कार्पोरेट जगत को सीएसआर यानि कार्पोरेट सामाजिक दायित्व के तहत...

से कैसे बनेगा ‘मेक इन इंडिया’ ?

‘मेक इन इंडिया’ ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका बखान वो भारत से लेकर अमेरिका के मैडिसन स्क्वाअर तक कर...

क्यों बंद हो रहे हैं बजट प्राइवेट स्कूल ?

दुनिया के 37 फ़ीसदी अनपढ़ लोग भारत में रहते हैं, 58 फ़ीसदी बच्चे अपनी प्राइमरी स्कूल में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं, जबकि 90...

मोदी का संयुक्त राष्ट्र को संदेश – क्लाइमेट चेंज पर साथ आएं देश

नरेंद्र मोदी भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिनकी अमेरिका यात्रा और संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में उनका भाषण - दोनों ही चीज़ें...

सुलभ क्रांति का नया दौर : साक्षात्कार

प्रधानमंत्री के मिशन टॉयलेट पर सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक विंदेश्वर पाठक से वरिष्ठ पत्रकार उमेश चतुर्वेदी की बातचीत हर साल स्वतंत्रता दिवस यानी पंद्रह अगस्त...

‘ शौचालय की सोच ‘

एक लोकप्रिय प्रधानमंत्री क्या कर सकता है, ये नरेंद्र मोदी ने कर दिखाया है. 15 अगस्त को लाल किले से जब नरेंद्र मोदी ने देश के कार्पोरेट घरानों से , महिलाओं और ख़ासकर स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालयों के निर्माण करने की अपील की .....

ये ‘सीएसआर’ और आप

भारत की कंपनियां अब जनता की भलाई के कामों पर सीधे सीधे - करीब 24000 करोड़ रुपये ख़र्च करेंगी. आपको यह जानकर आश्चर्य भले...

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