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March 10, 2025

Maharashtra के बुलढाणा शहर में फैली तीन दिन में गंजे होने की अजीब बीमारी

Maharashtra का Buldhana शहर एक अजीब सी बीमारी का सामना कर रहा है। Buldhana के कुछ गावों में गंजे होने की रहस्यमई बीमारी फैली है जिसमें 3 दिन में गंजापन आ रहा है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सब इसकी चपेट में आ रहे हैं। सबसे ज्यादा महिलाएं इस से प्रभावित हो रही हैं।

Buldhana के 3 गांव गंजेपन की चपेट में

Maharashtra के Buldhana शहर के बोंदगांव, कालवड़ और हिंगना गांव के लोग गंजेपन की रहस्यमई बीमारी से जूझ रहे हैं। इस बीमारी के पहले दिन व्यक्ति के सिर में खुजली शुरू हो जाती है। दूसरे दिन से छूते ही बाल हाथ में आने लगते हैं और तीसरे दिन व्यक्ति लगभग गंजा हो जाता है। सबसे ज्यादा महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित हो रही हैं।

स्वास्थ्य विभाग की टीम Buldhana पहुंची

अचानक फैली इस बीमारी ने स्थानीय लोगों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग को भी अचंभित कर दिया। Buldhana तहसील की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. Deepali Malwadkar ने इसकी जानकारी District Health Officer को दी, जिसके बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने इन गावों में जाकर सर्वे करने का काम शुरू कर दिया। संभावना जताई जा रही थी कि केमिकलयुक्त शैम्पू के इस्तेमाल से ऐसा हुआ होगा, लेकिन कई पीड़ितों ने बताया कि उन्होंने कभी कोई शैम्पू इस्तेमाल ही नहीं किया। प्रशासन ने इलाके के पानी और मिट्टी के सैम्पल की भी जांच की।

पंजाब के गेहूं की वजह से हुआ गंजापन, पद्मश्री डॉ. हिम्मतराव का दावा

Buldhana जिले के गावों में फैले गंजेपन की बीमारी को लेकर पद्मश्री डॉ. Himmatrao Bawaskar ने एक हैरतअंगेज खुलासा किया। उन्होंने इसके लिए पंजाब से आने वाले गेहूं को वजह बताया है। गंजेपन की बीमारी की खबर सुनते ही डॉ. Himmatrao Bawaskar ने इसकी जांच शुरू कर दी और लगभग एक महीने की Research के बाद उन्होंने इसकी वजह PDS(Public Distribution System) के तहत गांववालों को मिलने वाले गेहूं को बताया। डॉ. Himmatrao के अनुसार इस गेहूं में Selenium की मात्रा बहुत ज्यादा और Zink की मात्रा बहुत कम है।

Selenium की ज्यादा मात्रा पाई गई Samples में

डॉ. Himmatrao ने बताया कि Buldhana जिले के गावों में गंजेपन के शिकार लोगों के Blood Samples में Selenium की मात्रा ज्यादा पाई गई। गेहूं के जो सैम्पलस जांच के लिए भेजे गए थे, उनमें Selenium की मात्रा 14.52 mg/kg पाई गई जो सामान्य तौर पर 1.9 mg/kg होनी चाहिए। डॉ. Himmatrao ने बताया कि PDS के तहत गांव में आने वाला गेहूं पंजाब के Shivalik पर्वतीय क्षेत्र की ज़मीं से निकला हुआ है और इस क्षेत्र में बरसात के दिनों में बड़े झरने बहते हैं। वहां के पत्थरों में Selenium की मात्रा ज्यादा होती है जो झरनों के पानी के साथ उपजाऊ मिट्टी में मिल जाता है। गेहूं में Selenium अवशोषित करने की ज्यादा क्षमता होती है। फिलहाल, ICMR ने इसपर अभी कोई खुलासा नहीं किया है।
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