गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का तट विश्व के सबसे बड़े मानव समागम का साक्षी बन गया है। त्रिवेणी में पर 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। श्रद्धालुओं के आने का क्रम लगातार जारी है। तीर्थराज प्रयागराज की धरती पर बीते 13 जनवरी से आयोजित हो रहा दिव्य-भव्य धार्मिक, सांस्कृतिक समागम महाकुंभ अब इतिहास रच चुका है। यहां अब तक 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में सनातन आस्था की पावन डुबकी लगाकर धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की अद्वितीय मिसाल कायम की है।
भारत की आध्यात्मिकता, एकात्मता, समता और समरसता के जीवंत प्रतीक महाकुम्भ 2025, प्रयागराज में अब तक पावन त्रिवेणी में 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं।
भारत की कुल जनसंख्या में 110 करोड़ नागरिक सनातन धर्मावलंबी हैं और उसमें से 50 करोड़ से अधिक नागरिकों…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 14, 2025