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March 10, 2025

Delhi Election Result: अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, अवध ओझा सब हारे,  27 साल बाद दिल्ली में कमल खिलेगा

दिल्ली के वोटर्स ने आम आदमी पार्टी (AAP) को सत्ता से बाहर कर दिया है। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, अवध ओझा जैसे दिग्गज नेता इस चुनाव में हार गए है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) फिलहाल 48 सीटों पर आगे है, यानी दिल्ली की एक-तिहाई सीटें जीतने की ओर बढ़ रही है। वह पिछले 27 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर थी। वहीं, AAP सिर्फ 22 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। 2015 से दिल्ली की सत्ता पर काबिज रहीं AAP के बड़े चेहरे भी चुनाव हार गए। नई दिल्ली सीट पर पूर्व सीएम और AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को शिकस्त मिली। उन्हें बीजेपी के पूर्व एमपी प्रवेश वर्मा ने मात दी।

कांग्रेस इस चुनाव में अपनी जमीन तलाशने की कोशिश में जुटी है

जंगपुरा से पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को भी हार का सामना करना पड़ा। AAP के कई और बड़े नेता अपनी सीटों पर पीछे चल रहे हैं। कांग्रेस इस चुनाव में अपनी जमीन तलाशने की कोशिश में जुटी है। दिल्ली विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस लगातार तीसरी बार फिसड्डी साबित हुई है। 2015, 2020, और 2025 के चुनाव में कांग्रेस का एक भी कैंडिडेट विधानसभा तक नहीं पहुंच सका। नतीजे आने के बाद एग्जिट पोल में कांग्रेस की दिल्ली में घटी स्थित का संकेत दे रही थी। तो अब नतीजे ने मुहर लगा दी है। यह उस कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है जिसने शीला दीक्षित की अगुवाई में लगातार तीन बार दिल्ली में सरकार चलाई थी।

Delhi Election Result: जिसकी वजह से दिल्ली में हार गई केजरीवाल की आप

आम आदमी पार्टी की हार के पीछे कई कारण हैं। अरविंद केजरीवाल की विश्वसनीयता पर उठते सवाल, शीश महल विवाद, कांग्रेस से गठबंधन न होना, महिला आर्थिक सहायता योजना का लागू न होना, राजधानी की सफाई और पानी की समस्या, और खुद के मुख्यमंत्री बनने को लेकर संशय – ये सभी कारण जनता की नाराजगी के पीछे रहे। इस चुनाव परिणाम से यह स्पष्ट हो गया है कि केवल मुफ्त सुविधाएं देना ही काफी नहीं होता, बल्कि जनता को बुनियादी सुविधाओं की भी आवश्यकता होती है। अगर आम आदमी पार्टी भविष्य में वापसी करना चाहती है, तो उसे इन मुद्दों पर गंभीरता से काम करना होगा।

बीजेपी के जीत का कारण है बजट !

अब वैसे तो बीजेपी की जीत के कई कारण है, लेकिन एक ऐसा फैसला जो गेम चेंजर बन गया वो फैसला था दिल्ली में वोटिंग से 72 घंटे पहले का आम बजट। 72 घंटे पहले एक तरफ दिल्ली का चुनाव रहा तो दूसरी तरफ वित्त निर्मला सीतारमण का आम बजट। ये एक ऐसा बजट जहां साल 2014 के बाद सबसे बड़ा ऐलान हुआ। 12 लाख तक का इनकम पर नो टैक्स की घोषणा कर दी गई। अब इसी फैसले ने सारे समीकरण बदल डाले।
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