अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस – बेटियों के लिए सरकारी योजनाएं
बेटियां इस धरती की वो नेमत है जिनके होने से बरकत होती है, बेटियों के होने से घर में रौनक रहती है, घर में खुशियों की खिलखिलाहट होती है, बेटियां वो दौलत है जिनके पैदा होने से एक ग़रीब बाप भी गर्व से कहता है कि मुबारक हो लक्ष्मी आयी है। जहां ऐसी सोच रखने वाले समाज में बहुत कम है वहीं हमारे आसपास ऐसे भी लोग मिल जायेंगे जिन्हें बिटिया बोझ लगती हैं। प्राचीन काल में महिलाओं का बहुत सम्मान किया जाता था। लेकिन समय बीतता गया इनकी स्थिति में काफी बदलाव आया। बेटियों के प्रति लोगों की सोच बदलने लगी। बाल विवाह प्रथा, सती, दहेज़ प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या जैसे रुढ़िवादी प्रथायें देश में इतनी हावी हो गयी कि लड़कियों को शिक्षा, पोषण, कानूनी अधिकार और स्वस्थ्य जैसे अधिकारों से वंचित रखा जाने लगा। और शायद यही कारण है कि इन कुप्रथाओं को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर हमारी बेटियों के हक़ की लड़ाई लड़ी गयी, उनमें से एक है अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस।
बेटियों के लिए क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस (International Day of the Girl Child 2020)
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस हर साल 2012 से मनाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण और उन्हें उनके अधिकार प्रदान करने में मदद करना, ताकि दुनिया भर में उनके सामने आने वाली चुनौतियों का वे सामना कर सकें और अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें। साथ ही दुनिया भर में लड़कियों के प्रति होने वाली लैंगिक असमानताओं को खत्म करने के बारे में जागरूकता फैलाना भी है।
बेटियों के लिए इतिहास में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बालिका दिवस मनाने की पहल एक एनजीओ ‘प्लान इंटरनेशनल’ प्रोजेक्ट के रूप में की गई। इस संगठन ने “क्योंकि में एक लड़की हूं” नाम से एक अभियान भी शुरू किया। इस अभियान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने के लिए कनाडा सरकार ने यूनाइटेड नेशंस (United Nations) के 55वें आम सभा में इस प्रस्ताव को रखा। संयुक्त राष्ट्र ने 19 दिसंबर, 2011 को इस प्रस्ताव को पारित किया और इसके लिए 11 अक्टूबर का दिन चुना। इस प्रकार पहला अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर, 2012 को मनाया गया।
बेटियों को सशक्त बनाने के लिए सरकारी योजनाएं
भारत सरकार ने भी बेटियों को सशक्त बनाने के लिए काफी योजनाओं को लागू किया है जिसके तहत “बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओं” एक उल्लेखनीय योजना है। इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार भी कई अन्य महत्वपूर्ण योजनायें शुरू कर रही है। बेटियों के जन्म को बढ़ावा देने के लिए, उन्हें साक्षर और जागरुक बनाने के लिए देश की सरकारें कोई न कोई नई योजनाएं लेकर आते दिखाई दे रही है। इन योजनाओं का सीधा असर हम और आप पर पड़ता है। अपने बच्चों का उज्जवल भविष्य हर मां-बाप का सपना होता है। इस सपने को साकार करने में पैसों की बड़ी अहमियत होती है। खासकर बेटियों की शादी के लिए रुपये जमा करने की चिंता पेरेंट्स को लगी ही रहती है। ऐसे में तमाम सरकारी योजनाएं बेटी के भविष्य के लिए काफी मददगार साबित हो सकती है। इस योजना में किया गया छोटा-छोटा निवेश आपकी बेटी के व्यस्क होने तक करोड़पति बना सकता है। तो अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस (International Day of the Girl Child 2020) के ख़ास मौके पर जानतें है कि कौन कौन सी है सरकारी योजनाएं जिससे हमारी बिटिया का भविष्य निखर जायेगा।
